gyanvapi mosque case: ASI रिपोर्ट से खुला विवाद!

gyanvapi mosque case: ASI रिपोर्ट से खुला विवाद!

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करते ही ज्ञानवापी मस्जिद मामले ने एक दिलचस्प मोड़ ले लिया है। हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों के ग्यारह व्यक्तियों ने संभावित खुलासे की आशंका से प्रतियों के लिए आवेदन किया है। हिंदू वादियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील आसन्न जीत में विश्वास व्यक्त करते हैं, खासकर विवादित शिवलिंग-फव्वारे के आसपास की बहस को सुलझाने में।

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gyanvapi mosque case

ASI Findings and Legal Implications

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का दावा है कि एएसआई की निर्णायक खोज वर्तमान संरचना के निर्माण से पहले एक बड़े हिंदू मंदिर के अस्तित्व को बताती है। यह रहस्योद्घाटन काशी विश्वनाथ मंदिर के पास एक अदालत-आदेशित सर्वेक्षण के दौरान खोजी गई संरचना के इर्द-गिर्द चल रहे संघर्ष में महत्वपूर्ण है। जबकि हिंदू पक्ष इसे ‘शिवलिंग’ के रूप में दावा करता है, मुस्लिम पक्ष इसे एक फव्वारा बताता है, जो अलग-अलग दृष्टिकोणों को रेखांकित करता है।

Court Directive and Sealed ‘Wazu’ Area

वाराणसी की एक अदालत ने हाल ही में एएसआई को अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करने और इसमें शामिल दोनों पक्षों को हार्ड कॉपी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कथित तौर पर एक शिवलिंग मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2022 में सील किया गया ‘वज़ू’ क्षेत्र विवाद का केंद्र बिंदु बना हुआ है। जुलाई 2023 में एक जिला अदालत के आदेश से प्रेरित एएसआई के वैज्ञानिक सर्वेक्षण का उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि क्या मस्जिद पहले से मौजूद हिंदू मंदिर के ऊपर बनाई गई थी।

Legal Optimism and Impending Scrutiny

अधिवक्ता जैन एएसआई की रिपोर्ट के बाद आसन्न जीत के बारे में आशा व्यक्त करते हैं। ‘वज़ू’ क्षेत्र, जिसे अब साफ कर दिया गया है और वाराणसी जिला मजिस्ट्रेट की हिरासत में है, को ज्ञानवापी को कथित अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराने में एक महत्वपूर्ण युद्धक्षेत्र के रूप में देखा जाता है। दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों सहित ग्यारह आवेदकों ने इसके संभावित प्रभाव की आशंका जताते हुए एएसआई सर्वेक्षण रिपोर्ट की प्रतियां मांगी हैं।

judicial Orders and Transparency

वाराणसी जिला अदालत ने एक याचिका का जवाब देते हुए एएसआई रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का आदेश दिया है, जिससे हिंदू और मुस्लिम दोनों वादियों तक पहुंच सुनिश्चित हो सके। हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं का तर्क है कि सबूत मस्जिद के निर्माण के लिए मंदिर को ध्वस्त करने का सुझाव देते हैं। रिपोर्ट का खुलासा करने के निर्णय का उद्देश्य कानूनी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है।

Supreme Court Intervention and ‘Wazukhana’ Area

जनवरी में, सुप्रीम कोर्ट ने महिला हिंदू याचिकाकर्ताओं के एक आवेदन को अनुमति दी, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे ‘वज़ुखाना’ क्षेत्र की सफाई का निर्देश दिया गया था। सील किया गया क्षेत्र, जिसमें विवादास्पद ‘शिवलिंग’ है, चल रहे विवाद का केंद्र है। जिस संरचना का दावा हिंदुओं द्वारा ‘शिवलिंग’ और मुस्लिमों द्वारा ‘फव्वारा’ के रूप में किया गया था, उसकी खोज मई 2022 में एक अदालत द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान की गई थी।

Conclusion: Anticipation and Legal Proceedings

जैसे-जैसे प्रत्याशा बढ़ती जा रही है और कानूनी जांच का इंतजार हो रहा है, ज्ञानवापी मस्जिद मामला खुलता जा रहा है। एएसआई की सर्वेक्षण रिपोर्ट ऐतिहासिक सच्चाइयों पर प्रकाश डालती है , जो संभावित रूप से इस विवादास्पद कानूनी लड़ाई के नतीजे को आकार देगी। पारदर्शिता और न्याय की तलाश इस मामले में जुड़े धार्मिक और ऐतिहासिक आयामों की जटिलता को चिह्नित करती है।

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