Chandipura virus: 24 घंटे में छह मौतें, गुजरात में संकट की चिंगारी
गुजरात में संकट: चांदीपुरा वायरस से एक ही दिन में छह लोगों की जान चली गई
घटनाओं के एक विनाशकारी मोड़ में, गुजरात के हिम्मतनगर अस्पताल में 24 घंटों के भीतर चांदीपुरा वायरस से छह बच्चों की मौत हो गई है। इस दुखद घटना के बाद संदिग्ध मामलों की कुल संख्या 12 हो गई है, जबकि शेष छह मरीजों की हालत गंभीर बताई गई है।
चांदीपुरा वायरस का एक अवलोकन
Chandipura virus, जिसे पहली बार 1965 में महाराष्ट्र में पहचाना गया था, फ्लू जैसे लक्षणों के साथ बुखार और तीव्र एन्सेफलाइटिस का कारण बनता है। यह वायरस, जो मुख्य रूप से बरसात के मौसम में फिर से उभरता है, मक्खियों और मच्छरों के काटने से फैलता है। यह मुख्य रूप से 9 महीने से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रभावित करता है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
वर्तमान स्थिति और सरकार की प्रतिक्रिया
बढ़ते संक्रमण दर को देखते हुए गुजरात में स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है। स्वास्थ्य मंत्री हृषिकेश पटेल ने जनता से घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि चांदीपुरा कोई नया वायरस नहीं है, जागरूकता और सावधानी महत्वपूर्ण है।
लक्षण और तत्काल कार्रवाई
माता-पिता और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि यदि बच्चों में तेज बुखार, उल्टी, दस्त, सिरदर्द और ऐंठन जैसे प्राथमिक लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। इस संक्रमण के प्रबंधन के लिए जल्द पता लगाना और जल्द इलाज महत्वपूर्ण है।
जाँच एवं पुष्टि
Chandipura virus के संदिग्ध मामलों के सैम्पल जाँच के लिए पुणे भेजे जा रहे हैं, जिसके परिणाम 12 से 15 दिनों के भीतर आने की उम्मीद है। हालाँकि छह मौतों की सूचना मिली है, इन मामलों में वायरस की पुष्टि पुणे के जाँच परिणामों पर निर्भर करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वस्त किया कि वायरस के प्रसार को रोकने और प्रभावित लोगों को आवश्यक चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के प्रयास जारी हैं।