Devendra Fadnavis wants to resign : महाराष्ट्र में ख़राब भाजपा के ख़राब प्रदर्शन की खुद ली ज़िम्मेदारी
महाराष्ट्र में भाजपा के ख़राब प्रदर्शन के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस इस्तीफ़ा देना चाहते है क्योंकि वे महाराष्ट्र में भाजपा द्वारा हुए ख़राब प्रदर्शन को खुद को ज़िम्मेदार मानते है।
देवेंद्र फड़णवीस इस्तीफ़े के लिए भाजपा शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध कर रहे है, फड़णवीस चाहते है की पार्टी उन्हें उनको कर्तव्यों से मुक्त कर दे ,ताकि विधानसभा के चुनाव होने से पहले पार्टी को मज़बूत करने में अपना पूरा ध्यान लगा सकें।
भाजपा का प्रदर्शन पिछले लोकसभा चुनाव के मुक़ाबले महाराष्ट्र में इस बार काफ़ी ख़राब प्रदर्शन रहा इसलिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री Devendra Fadnavis पार्टी के ख़राब प्रदर्शन की ज़िम्मेदारी लेते हुए अपने उपमुख्यमंत्री के कर्तव्यों से मुक्त होना चाहते हैं। पार्टी के प्रति इस तरह का समर्पण बहुत काम देखने को देखने मिलता है देवेंद्र फड़णवीस मुख्यमंत्री रह चुके हैं अभी भी वे उपमुख्यमंत्री हैं लेकिन पार्टी को कमजोर होता देख वे अपने कर्तव्यों से मुक्त होकर ज़मीनी स्तर पर काम कर पार्टी को मज़बूत करना चाहते हैं देवेंद्र फड़णवीस का यह निर्णय वाक़ई प्रेरणा श्रोत है।
मीडिया को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री Devendra Fadnavis ने कहा, “मैं महाराष्ट्र में ऐसे परिणामों की जिम्मेदारी लेता हूं। मैं पार्टी का नेतृत्व कर रहा था। मैं बीजेपी आलाकमान से अनुरोध कर रहा हूं कि मुझे सरकार की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए ताकि मैं पार्टी के लिए कड़ी मेहनत कर सकूं।”
महाराष्ट्र में नवम्बर में विधानसभा चुनाव होने वाले है इसलिए Devendra Fadnavis पार्टी पर पूरी तरह से ध्यान देना चाहतें है ताकि आने वाले चुनाव में उनकी जीत की दावेदारी पक्की हो सके ।
अपने उपमुख्यमंत्री के बयान के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “चुनावी हार एक सामूहिक जिम्मेदारी है। चुनाव में तीनों पार्टियों ने मिलकर काम किया। वोट शेयर पर नजर डालें तो मुंबई में महायुति को दो लाख से ज्यादा वोट मिले। कारण हार की ईमानदारी से समीक्षा की जाएगी। पिछले दो वर्षों में सरकार ने राज्य में कई अच्छे फैसले लिए हैं। मैं जल्द ही देवेन्द्र जी से बात करूंगा। हमने पहले भी साथ काम किया है और आगे भी करते रहेंगे।” भविष्य। हम विपक्ष के झूठे दावों का मुकाबला करने में सामूहिक रूप से विफल रहे हैं।”
इस बार के लोकसभा चुनाव में NDA ने मात्र 9 सीट ही जीत पायी है, अगर हम 2019 की बात करे तो 23 सीटें जीती थी ।महाराष्ट्र में भाजपा अपने सहयोगी दल एकनाथ शिंदे की नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी के साथ मिलकर NDA ने सीटें ही जीत पायी है।